Tuesday, 3 February 2015

कीट-उपवन

                               

हम पुष्प-सुगन्धित कीट-उपवन के,
यह सौभाग्य हमारा है !
त्याग, समर्पण, प्रेम, स्नेह से,
सबने मिल हमें संवारा है !!
हम पुष्प सुगन्धित कीट उपवन के ......2

आज हमारा विश्व-पटल पर,
सम्मान है, गुणगान है !
हर ओर प्रशंसा के स्वर हैं ,
हर ओर हमारा नाम है !
है कौन विश्व में ऐसा जो,
हमारी उपलब्धियों से अनजान है – 2
इस मुकाम पर हम पहुचे हैं, पर
सब सहयोग तुम्हारा है !
हम पुष्प-सुगन्धित कीट-उपवन के......2

हम ही हैं, जो चढ़ अम्बर पर,
गीत विजय का गा रहे हैं !
ज्ञान-विज्ञानं में ही नहीं ,
खेलकूद में भी अव्वल आ रहे हैं !!
पूर्ण समर्पण संग कठिन श्रम से,
दुनिया को पास बुला रहे हैं !
है कौन क्षेत्र ऐसा जिसमे न हम,
परचम लहरा रहे हैं !! - 2
हम परचम लहरा रहे क्योंकि,
आप सबने हमें दुलारा है ,
हम पुष्प सुगन्धित कीट-उपवन के ......2

हम ही हैं जो निखिल विश्व को,
मानवता का पाठ पढ़ा रहे हैं !
समाज के सबसे निचले हिस्से को,
मुख्यधारा में ला रहे हैं !!
सेवा-भाव क्या चीज है,
जग को आइना दिखला रहे हैं !
शिक्षा है अंधों को दृष्टि ,
हम ये सन्देश फैला रहे हैं !! – 2
समानता सर के जैसा, समर्पित संरक्षक हमारा है !
मेरी समझ में सबसे बड़ा यही सौभाग्य हमारा है !! -2

                                    By :- ROHIT KUMAR.
                                                                               

                                                                                              


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