हम पुष्प-सुगन्धित
कीट-उपवन के,
यह सौभाग्य हमारा है
!
त्याग, समर्पण,
प्रेम, स्नेह से,
सबने मिल हमें
संवारा है !!
हम पुष्प सुगन्धित
कीट उपवन के ......2
आज हमारा विश्व-पटल
पर,
सम्मान है, गुणगान
है !
हर ओर प्रशंसा के
स्वर हैं ,
हर ओर हमारा नाम है !
है कौन विश्व में
ऐसा जो,
हमारी उपलब्धियों से
अनजान है – 2
इस मुकाम पर हम
पहुचे हैं, पर
सब सहयोग तुम्हारा
है !
हम पुष्प-सुगन्धित
कीट-उपवन के......2
हम ही हैं, जो चढ़
अम्बर पर,
गीत विजय का गा रहे
हैं !
ज्ञान-विज्ञानं में
ही नहीं ,
खेलकूद में भी अव्वल
आ रहे हैं !!
पूर्ण समर्पण संग
कठिन श्रम से,
दुनिया को पास बुला
रहे हैं !
है कौन क्षेत्र ऐसा
जिसमे न हम,
परचम लहरा रहे हैं !!
- 2
हम परचम लहरा रहे
क्योंकि,
आप सबने हमें दुलारा
है ,
हम पुष्प सुगन्धित
कीट-उपवन के ......2
हम ही हैं जो निखिल
विश्व को,
मानवता का पाठ पढ़ा
रहे हैं !
समाज के सबसे निचले
हिस्से को,
मुख्यधारा में ला
रहे हैं !!
सेवा-भाव क्या चीज
है,
जग को आइना दिखला
रहे हैं !
शिक्षा है अंधों को
दृष्टि ,
हम ये सन्देश फैला
रहे हैं !! – 2
समानता सर के जैसा,
समर्पित संरक्षक हमारा है !
मेरी समझ में सबसे
बड़ा यही सौभाग्य हमारा है !! -2
By :- ROHIT
KUMAR.
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