कितना रुलाओगे यार ,
तुम्हे हँसाना परेगा /
मेरे भींगे नयनों को आखिर ,
तुम्हे ही सुखाना परेगा/
कितना चुराओगे नज़र ,
यह जालिम जमाना है /
यहाँ हर मोर पे खरा ,
आशिक, मजनू , दीवाना है /
आखिर तुम्हे हंसकर नजर मिलाना
परेगा ,
प्यासे नजरो कि प्यास
तुम्हे ही बुझाना परेगा /
मत कर दोस्त तू देर ,
नयन से बूंद फिसलता है /
यद् जब भी आती तेरी ,
ह्रदय यह बहुत मचलता है /
कब तक छुपाओगे आखिर तुम्हे
बताना पड़ेगा ,
कह दी निगाहों से तो सामने
भी जाताना पड़ेगा /
डगर तो सब कठिन होते ,
पर मंजिल उसी से मिलता है /
सूर्य के प्रखर धुप सह कर
ही,
कमल बहुत सुन्दर खिलता है /
रोपा जब प्यार का पौधा तो
उसे पटाना पड़ेगा ,
अँधेरा है जीवन मेरा तुम्हे
दीप जलाना पड़ेगा /
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